चमकौर का युद्ध(सवा लाख से एक लडाऊं तभी गोबिंद सिंह नाम कहाउँ)


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चमकौर का युद्ध- 


जहां 10 लाख मुग़ल सैनिकों पर भारी पड़े थे 40 सिक्ख
दुनिया के इतिहास में ऐसा युद्ध ना कभी किसी ने पढ़ा होगा ना ही सोचा होगा, जिसमे 10 लाख की फ़ौज का सामना महज 42 लोगों के साथ हुआ था और जीत किसकी होती है उन 42 सूरमो की ! यह युद्ध 'चमकौर युद्ध' (Battle of Chamkaur) के नाम से भी जाना जाता है जो कि मुग़ल योद्धा वज़ीर खान की अगवाई में 10 लाख की फ़ौज का सामना सिर्फ 42 सिखों के सामने 6 दिसम्बर 1704 को हुआ जो की गुरु गोबिंद सिंह जी की अगवाई में तैयार हुए थे ! नतीजा यह निकलता है की उन 42 शूरवीर की जीत होती है जो की मुग़ल हुकूमत की नीव जो की बाबर ने रखी थी , उसे जड़ से उखाड़ दिया और भारत को आज़ाद भारत का दर्ज़ा दिया। औरंगज़ेब ने भी उस वक़्त गुरु गोबिंद सिंह जी के आगे घुटने टेके और मुग़ल राज का अंत हुआ हिन्दुस्तान से । तभी औरंगजेब ने एक प्रश्न किया गुरुगोबिंद सिंह जी के सामने। कि यह कैसी फ़ौज तैयार की आपने जिसने 10 लाख की फ़ौज को उखाड़ फेंका। गुरु गोबिंद सिंह जी ने जवाब दिया "चिड़ियों से मैं बाज लडाऊं , गीदड़ों को मैं शेर बनाऊ।" "सवा लाख से एक लडाऊं तभी गोबिंद सिंह नाम कहाउँ !!" गुरु गोबिंद सिंह जी ने जो कहा वो किया, जिन्हे आज हर कोई शीश झुकता है , यह है हमारे भारत की अनमोल विरासत जिसे हमने कभी पढ़ा ही नहीं ! अगर आपको यकीन नहीं होता तो एक बार जरूर गूगल में लिखे 'बैटल ऑफ़ चमकौर' और सच आपको पता लगेगा , आपको अगर थोड़ा सा भी अच्छा लगा और आपको भारतीय होने का गर्व है तो जरूर इसे आगे शेयर करे जिससे की हमारे भारत के गौरवशाली इतिहास के बारे में दुनिया को पता लगे ! जो बोले सौ निहाल सत् श्री अकाल वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह  !!
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